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द्रवित मिलना था हर पुरुष अधूरा प्रेमनश्वरनाखूबसूरतीनश्वर हमें मिल नहीं आता अर्धनारीश्वर यशापयश दो अतिरिक्त मात्राएं क्रोध के बिन चेहरा सूनी रूठे को love पहला साथी और शब्द परहित कर्म‌‌‌ प्यार हो तुम क्या कहूं बिन परवाह मनाना

Hindi बिन बताए Quotes